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Wednesday 22 March 2017

Motivational Story By Mr. Sandeep Maheshwari The Great Motivation Speaker.

Sandeep Maheshwari Unstoppable Story


एक बार दो लड़के थे एक 9 साल का और एक 12 साल का। वो दोनों ही बहुत अच्छे दोस्त थे मतलब दोस्त से बढ़कर उनका रिश्ता भाई का लगता था। वो दोनों ही साथ-साथ रहते, साथ-साथ कही जाते, साथ-साथ खाते-पीते और अपना हर काम साथ-साथ करते थे।
तो एक बार क्या हुआ वो खेल रहे थे अपने गाँव में और खेलते-खेलते जंगल में चले गये। और उन में से जो बड़ा वाला लड़का था 12 साल वाला वो एक कूँए में गिर गया।
कूए में गिर गया और जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने लग गया। क्योंकि उसको तैरना नहीं आता।
तो अब जो छोटा वाला बच्चा है 9 साल वाला उसने क्या किया कि अपने आस पास देखा किसी से मदद मांगने के लिए। लेकिन उस जंगल में कोई नहीं था जिसको वो मदद के लिए आवाज दे सके।
फिर उसकी नजर पढ़ी एक बाल्टी पे, जिस पर एक लम्बी रस्सी बंधी हुई थी। उसने एक सेकंड भी बर्बाद नहीं किया और अपने हाथ में रस्सी पकड़ कर बाल्टी को कूए में फेक दी और अपने दोस्त को कहा की पकड़ ले इसको।
तो वो 12 साल वाला बच्चा उस बाल्टी को पकडा हुआ है है और 9 साल वाला बच्चा रस्सी को खीच रहा है।
उस छोटे वाले लडके की हालत ख़राब हो रही है, लेकिन फिर भी वो उस रस्सी को खिचता रहा, खिचता रहा उस 12 साल के बच्चे को बाल्टी के साथ खिचता रहा।
और आखिर में उस छोटे लड़के ने अपने दोस्त को ऊपर ला लिया, अपने दोस्त की जान बचा ली।
फिर क्या हुआ की वो दोनों रो रहे है गले मिल रहे है और खुश हो रहे है लेकिन साथ में उनको बहुत डर लगता है।
डर होता है कि यार अब घर जाकर क्या बताएगे? की हम जंगल गये और इस तरह से कूए में गिरे और ये सब।
लेकिन हुआ क्या की जैसे वो दोनों वापस अपने गाँव में जाकर अपने घर वालो को अपने गाँव वालो को ये सब बताया तो किसी ने भी विश्वास नहीं किया इस बात पे।
और वो अपनी गाँव वाले अपनी जगह पर एक दम सही थे कि एक छोटा सा बच्चा 9 साल का एक लड़का बाल्टी के साथ 12 साल के बच्चे को खीचना तो दूर की बात।
लेकिन उस गाँव में एक बुजुर्ग रहते थे। जो उस गाँव में ज्यादातर सभी बड़े फैसले वही करते थे और काफी हुसियार माने जाते थे। और उन बुजुर्ग ने इस बात को सच मान लिया।
तो सब गाँव वाले सोचने लगे की यार ये इतने हुसियार है यह कह रहे है तो जरुर कोई न कोई बात होगी। तब सब गाँव वाले उस बात का पता करने बुजुर्ग के पास गये और बोले कि अब आप ही बताओ की ऐसे कैसे हो सकता ही की एक छोटा सा बच्चा जो एक पानी से भरी बाल्टी को नहीं उठा सकता उसने इतने बड़े बच्चे को कैसे खीच लिया?
तो बुजुर्ग हसने लगे और कहने लगे कि देखो आसान है, बड़े लड़के ने उस बाल्टी को खीचा और छोटे लड़के ने उस बाल्टी को रस्सी से ऊपर खीचा और अपने दोस्त को बचा लिया इसमें इतनी सोचने की कहा बात है।
तो सब गाँव वाले बुजुर्ग की तरफ देखने लगे जैसे और उन सभी गाँव के लोगो में से एक ने बोला कि “सवाल यह नहीं है की वो छोटा सा बच्चा ये कैसे कर पाया, सवाल यह है कि वो क्यों कर पाया, कि उसके अन्दर इतनी शक्ति कहा से आ गई”
बुजुर्ग ने कहा कि इसका सिर्फ एक सवाब है, सिर्फ एक जवाब। कि जिस वक्त उस बच्चे ने ये किया उस समय पे उस जगह पर वहा कोई नहीं था उस बच्चे को, उस 9 साल वाले को बच्चे को यह कहने वाला कि तू यह नहीं कर सकता
वह कोई नहीं था, कोई नहीं, वो खुद भी नहीं था। वो बच्चा उस काम को कर पाया क्योंकि उस बच्चे ने ना तो दुसरो की आवाज सुनी, न खुद कि उसने अपने दिल की आवाज सुनी और उस काम को कर दिया।
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